शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आपको इंटरनेट पर कई सारी डाइट्स मिल जाएंगी, जिन्हें लोग अपनाते भी हैं और अपने शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त भी करते हैं, पर क्या योगासन भी शरीर को डिटॉक्स कर सकता है?
आइए जानते हैं.
आज कल बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन लोगों में काफी प्रचलित है. उनका कहना है कि शरीर को अगर स्वस्थ रखना है तो बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन जरूरी है. डिटॉक्सिफिकेशन में केवल विषाक्त पदार्थों से मुक्ति पाना ही नहीं होता बल्कि मोटापा घटाना भी शामिल होता है.
इंटरनेट पर ऐसी कई ड्रिंक्स मिल जाएंगी जो आपके शरीर को अंदर से डिटॉक्स कर देती हैं. हेल्थ एक्स्पर्टस का भी यही कहना है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन बहुत जरूरी है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी हेल्दी डाइट लेते हैं, बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन जरूरी है क्योंकि हम ऐसे वातावरण में रहते हैं कि शरीर में विषाक्त पदार्थ चले ही जाते हैं.
योगासन हमें रोजाना करना चाहिए, इससे हमें कई फायदे मिलते हैं और हमारा शरीर बीमारियों से मुक्त रहता है. योगासन से बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन होता है यो नहीं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है पर कुछ योग एक्स्पर्ट्स का मानना है कि कुछ योगासन ऐसे हैं जिनसे शरीर डिटॉक्स होता है.
इस योगासन को करने से आपका पाचन तंत्र मजबूत होगा और भूख भी बढेगी साथ ही शरीर डिटॉक्स भी होगा. इतना ही नहीं, इसे करने से शरीर में लचक भी बढ़ती है, मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है, मांसिक शांति देता है और इसी के साथ शारीरिक संतुलन भी प्रदान करता है.
इस योगासन को करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, तनाव और चिंता में लाभदायक है, पैर और टखनों की सूजन को कम करता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, सिर दर्द और माइग्रेन में लाभदायक है और इन्हीं फायदों के साथ ये शरीर को डिटॉक्स भी करता है.
अर्ध मत्स्येन्द्रासन को करने के कई फायदे हैं जैसे रीढ़ की मजबूती, पाचन में सुधार, कंधों और गर्दन की लचक को बढ़ाता है, मांसपेशियों में अकड़ को कम करता है, थायराइड को नियंत्रण में रखता है और इसी के साथ शरीर से विषाक्त पदार्थ भी निकालता है.
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